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शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है , मिश्रित अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं , मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताएं , मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है in hindi, मिश्रित अर्थव्यवस्था का मतलब

 मिश्रित अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था एक ऐसी आर्थिक प्रणाली है जिसके अंतर्गत समाज के सभी वर्गों के कल्याण में वृद्धि के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के दायित्व को निश्चित किया जाता है इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में अर्थव्यवस्था का लक्ष्य शोषण के बिना आर्थिक विकास करना होता है निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों को इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संभव प्रयास करने को कहा जाता है मिश्रित अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूंजीवादी दोषों को दूर करना तथा समाजवाद के दोषों  से बचना होता है। मिश्रित अर्थव्यवस्था की विशेषताएं 1  सार्वजनिकतथा निजी क्षेत्रों का अस्तित्व  2  उद्योगों का वर्गीकरण 3 आर्थिक नियोजन 4 बाजार प्रणाली विद्यमानता 5 सरकार की केंद्रीय भूमिका 6 सामाजिक कल्याण को प्रधानता 7 सामाजिक कल्याण के पीछे लाभ की प्रेरणा

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पूंजीवादी अर्थव्यवस्था  किसे कहते हैं?  पूंजीवादी अर्थव्यवस्था  आर्थिक प्रणाली का वह  स्वरूप पूंजीवाद कहलाता है जिसके अंतर्गत उत्पादन के साधनों का एक बड़ा भाग पूजीपतियों कि उद्योगों में भी नियोजित होता है पूजीपतियों का उद्योग वह उद्योग होता है जिसमें उत्पत्ति के भौतिक साधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के हाथ में होता है वे अपनी इच्छा अनुसार इन साधनों को ऐसी वस्तुओं एवं सेवाओं के पादन में लगाते हैं जिन से उनको अधिकतम लाभ प्राप्त होने की संभावना रहती है पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएं क्या होती हैं? पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के निम्नलिखित विशेषताएं हो सकती हैं 1 उत्पत्ति के साधनों पर निजी स्वामित्व 2 अधिकतम लाभ प्राप्त करने का लक्ष्य 3 उपभोक्ता संप्रभु होता है 4  उद्यमों के चुनाव  की स्वतंत्रता 5 निजी उद्यमों का महत्व 6 बचत तथा विनियोग की स्वतंत्रता 7 केंद्रीय आर्थिक नियोजन का अभाव