Posts

Showing posts from July, 2021

शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

भारतीय बहीखाता प्रणाली के गुण एवं दोष , bhartiya bahikhata pranali , भारतीय बहीखाता प्रणाली , भारतीय बहीखाता प्रणाली के दोष

                  भारतीय बहीखाता प्रणाली भारतीय बहीखाता प्रणाली के गुण bhartiya bahikhata pranali भारतीय बहीखाता प्रणाली में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं 1 मितव्ययी भारतीय बहीखाता प्रणाली (bhartiya bahikhata pranali) के अंतर्गत उपयोग की जाने वाली बहिय  सस्ती होती हैं। यह विभिन्न आकार प्रकार  की भी मिलती है ।व्यापारी अपनी व्यापार की आवश्यकता अनुसार उन्हें खरीद सकता है। 2 टिकाऊ बाहिया बाहीयो  का कागज काफी मजबूत और कबर काफी मजबूत होता है।इस कारण इन बहीयों को कई वर्षों तक आवश्यकतानुसार संभाल कर रख सकते हैं। 3 सलो ( कॉलम) का उपयोग खाने के लिए  बहायो में पहले से ही सल  पड़े रहते हैं जो खनो का कार्य करते हैं अलग से रेखाएं नहीं खींचनी पड़ती है। 4 सरलता  यह प्रणाली अत्यंत सरल होती है मंदबुद्धि वाला व्यक्ति कुछ समय में ही से सीख कर आसानी से हिसाब किताब रख सकता है। 5 देसी भाषा का प्रयोग इस प्रणाली को लिखने के लिए किसी भी भारतीय भाषा या स्थानीय भाषा का प्रयोग किया जा सकता है। 6 लोचता  इस प्रणाली में पर्याप्त लोचता पाई जाती है। व्यापारी व्यापार की आवश्यकता के हिसाब से बहीयों की संख्या कम या ज्यादा क

भारतीय बहीखाता प्रणाली की विशेषताएं और लोकप्रियता के कारण , भारतीय बहीखाता प्रणाली से आशय

  भारतीय बहीखाता प्रणाली से आशय  भारतीय बहीखाता प्रणाली की विशेषताएं और लोकप्रियता के कारण भारतीय बहीखाता प्रणाली आज भी लोकप्रिय हैं। इसकी विशेषता है इसका कारण है जो कि निम्नलिखित है। 1 सरलता  यह पद्धति बहुत ही सरल है। कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी इसे कुछ ही समय में इसको सीख सकता है।यहां तक कि सामान्य पढ़ा लिखा व्यक्ति भी इस पद्धति को सीकर हिसाब किताब आसानी से रख सकता है। 2 मितव्य यह पद्धति अत्यंत सस्ती है। एक तो बाहियो की संख्या कम होती है। दूसरा रजिस्टर ओं की तुलना में बढ़िया सस्ती पड़ती हैं तीसरा बहीयो को लिखने वाला भी कम वेतन में मिल जाता है। 3 देशी भाषा का प्रयोग भारतीय प्रणाली में लेखा  किसी भी भारतीय भाषा में किया जा सकता है । हिंदी, उर्दू, गुजराती, मराठी,गुरुमुखी ,  सिंधी, बांग्ला आदि। सभी भाषाओं में इसे लिखा जा सकता है उत्तर भारत में अधिकांश व्यापारी इसे मुड़िया भाषा में लिखते है। 4 गोपनीयता देश एवं स्थानीय भाषा में लिखे जाने के कारण बाहरी व्यक्ति इन खातों को आसानी से समझ नहीं सकता इसलिए इसे लिए बहीखाते  गोपनीय बने रहते हैं। 5 वैज्ञानिकता  भारतीय बहीखाता  पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है।

भारतीय बहीखाता प्रणाली , भारतीय बहीखाता प्रणाली क्या है, भारतीय बहिखाता प्रणाली की परिभाषा

 भारतीय बहीखाता प्रणाली से आशय हमारे देश में अति प्राचीन काल से भारतीय बहीखाता प्रणाली का प्रचलन रहा है। आज यूरोप के जो देश  विकसित कहे जाते हैं।, एक समय में जंगली अवस्था में थे और तब भारत अपनी व्यापार और उद्योग धंधों के लिए विश्वविख्यात था । उस समय हमारे देश में हिसाब किताब रखने की जिस विधि का प्रयोग किया जाता था वह भारतीय बहीखाता प्रणाली ही थी। अथर्ववेद, मनुस्मृति, और कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इस बात के पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं की अति प्राचीन काल से हमारे देश में यह प्रणाली सफलतापूर्वक कार्यशील थी और आज भी है। यह पूर्णतया एक सुदृढ़ एवं उन्नत प्रणाली है। यह प्रणाली पूर्ण एवं वैज्ञानिक है।विद्वानों का मत है कि यह प्रणाली कई मायने में द्वीप्रविष्टि प्रणाली से भी श्रेष्ठ है।इसमें आज भी ऐसे गुण विद्यमान हैं जो अंग्रेजी प्रणाली  से अधिक वैज्ञानिक और भारतीय परिस्थितियों के हैं । लेकिन आज की परिस्थिति में इस प्रणाली का प्रयोग बहुत ही कम किया जा रहा है आज भी बड़े-बड़े व्यापारी लिमिटेड कंपनियां इस  प्रणाली का प्रयोग कर रहे हैं। छोटी-छोटी व्यापारी तो इस प्रणाली का ही प्रयोग करते हैं। भारत म