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Showing posts from April, 2021

शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

ख्याति के मूल्यांकन की विधियां , औसत लाभ विधि , khyati mulyankan ki ausat labh vidhi

  ख्याति के मूल्यांकन की विधियां ख्याति एक अमूर्त संपत्ति है अतः इसका सही सही मूल्यांकन संभव नहीं है ख्याति के मूल्यांकन की विधियां मुख्यता व्यवसाय के लाभ पर आधारित हैं जो निम्न है| गुडविल goodwill क्या है? ख्याति का अर्थ एवं परिभाषा, ख्याति कितने प्रकार की होती है? ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता, ख्याति की लेखांकन विशेषताएं, ख्याति की अवधारणाएं 1 औसत लाभ विधि (एवरेज प्रॉफिट मेथड) इसमें कुछ वर्षों के औसत लाभ केआधार पर ख्याति का मूल्यांकन किया जाता है सुविधा अनुसार इसे निम्न दो भागों में विभक्त कर स्पष्ट किया जा सकता है। क.  साधारण औसत लाभ विधि  ख.  भारित औसत लाभ विधि क. साधारण औसत लाभ विधि (simple average profit method) इस विधि के अंतर्गत कुछ वर्षों के औसत लाभ को एक निश्चित संख्या से गुणा कर ख्याति का मूल्यांकन किया जाता है।                                     ख्याति = औसत वार्षिक लाभ × वर्षों की संख्या इसमें एक टर्म आया है औसत वार्षिक लाभ हम देखते हैं औसत वार्षिक लाभ को कैसे ज्ञात किया जाता है            औसत वार्षिक लाभ की गणना (computation of average profit) औसत लाभ की गणना गत कुछ

आयगत एवं पूंजीगत व्यय क्या है, पूंजीगत व्यय की विशेषताएं, अायगत व्यय क्या है what is revenue expenditure

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आयगत एवं पूंजीगत व्यय क्या होता है । पूंजी का आशय अर्थशास्त्र में पूंजी का आशय से धन के उस भाग से है जो अतिरिक्त धन के उत्पादन के लिए प्रयोग में लाया जाता है लेखांकन के वार्षिक चिट्ठी के आधार पर संपत्तियों का दायित्व पर आधिक्य पूंजी माना जाता है। आय का आशय एक निर्धारित अवधि की आयगत प्राप्तियां उस अवधि के आयगत व्यय से  जितनी अधिक होती है वही आधिक्य उस अवधि की आय मानी जाती है।इसी आधिक्य को शुद्ध लाभ भी कहा जाता है।गैर व्यापारिक संस्थाओं मैं इसे आय का व्यय पर आधिक्य माना जाता है।  1 पूंजीगत व्यय क्या है what is capital expenditure पूंजीगत व्यय  आशय ऐसे  व्ययाे से है जो स्थाई संपत्तियों को को खरीदने, उसने कोई भी वृद्धि करने तथा स्थाई संपत्तियों की कार्य क्षमता में वृद्धि करने के संबंध में किए जाते हैं। इस वर्णन के अनुसार किसी भी व्यय को पूंजीगत व्यय होने के लिए निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक या अधिक शर्तों को पूरा करने वाला होना चाहिए। 1 व्यवसाय के लिए किसी संपत्ति को क्रय करने , निर्माण करने या प्राप्त करने, या प्राप्त उसे प्रयोग में लाने हेतु व्यय किया गया हो 2 व्यवसाय की लाभार्जन  शक

वित्तीय लेखांकन एवं लागत लेखांकन में अंतर , लागत लेखांकन एवं वित्तीय लेखांकन में समानताएं

 वित्तीय लेखांकन एवं लागत लेखांकन में अंतर  1 लेखों की अनिवार्यता विद्यालय के किसी भी व्यवसाय को प्रथम के लिए अनिवार्य होते हैं जब की लागत लेखे किसी भी व्यावसायिक उपक्रम के  लिए अनिवार्य नही होते।  2 कार्य कुशलता पर प्रभाव  वित्तीय लेखों का व्यावसायिक उपक्रम की कार्यकुशलता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता जब की लागत लिखें व्यावसायिक उपक्रम की कार्य कुशलता में वृद्धि करने में अधिक सहायक होतो है। 3 ब्ययो का वर्गीकरण  वित्तीय लिखे में व्यय का विस्तृत वर्गीकरण नहीं किया जाता है। अर्थात   व्ययो रूप में लेखा किया जाता है  जबकी लागत लेखों के अंतर्गत व्ययो का वर्गीकरण किया जाता है जैसे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यय।  अप्रत्यक्ष वययो भी कारखाना ऊपरीव्यय, कार्यालय ऊपरीव्यय और विक्रय एवं विवरण व्ययो मैं वर्गीकरण किया जाता है। 4 प्रति इकाई लागत क्या करना वित्तीय लेखों की सहायता से उत्पादन की प्रती ईकाई लागत आसानी से ज्ञात नहीं की जा सकती । जब की लागत लेखों की सहायता से उत्पादन की प्रति इकाई लागत  आसानी से ज्ञात की जा सकती हैं। 5 अनुमानित व्यय का लेखा लागत लेखों की सहायता से निर्ख (टेंडरt) का मूल्य ज्ञात नह