Posts

Showing posts from January, 2021

शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

ऋणपत्र निर्गमित की प्रक्रिया , procedure for issue of debenture

Image
Intermediate, B.com, m.com  note mellenge obhi hindi me   ऋणपत्र निर्गमित करने की प्रक्रिया (procedure for  issue of debenture) कोई भी कंपनी  भारतीय कंपनी अधिनियम  2013  की धारा 71  की नियमो के अधीन  ही ऋणपत्रों का निर्गमन कर सकती है अंशो  की भांति ऋणपत्रों का निर्गमन पार्षद सीमा नियम में दिए गए  प्रावधानों के अधीन प्रविवरण के माध्यम से किया जाता है कि पत्रों के निर्गमन में निम्न बातें ध्यान में रखी जानी  आवश्यक है। 1 पूंजी निर्गमन नियंत्रक से अनुमति 12 माह की कुल अवधि में अंशो एवं ऋणपत्रों के एक करोड़ से अधिक के  निर्गमन पर पूंजी निर्गमन नियंत्रक से लिखित अनुमति आवश्यक है। 2 संचालक मंडल को ऋणपत्रों के निर्गमन का अधिकार अंतरनियमों द्वारा अधिकृत होने पर ऋणपत्रों का निर्गमन संचालक मंडल की सभा में प्रस्ताव पारित कर किया जाना चाहिए। 3 मान्यता प्राप्त स्कंद विपणि में आवेदन कंपनी अधिनियम,प्रविवरण द्वारा ऋणपत्रों की निर्गमन से पूर्व किसी मान्यता प्राप्त स्कंध में  विपणि/विपणियो में ऋणपत्रों के लेन-देन की अनुमति का आवेदन किया जाना आवश्यक है। 4  सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित होना यदि प्रस्ताव

What is Consignment account in hindi प्रेषण खाता किसे कहते है? preshan khata kya hai

Image
प्रेषण  खाता किसे कहते  है? what is  consignment accounts व्यापार बढ़ाने के अनेकों तरीकों या अनेक विधियों में से एक विधि प्रेषण या चालान(consignment) विधि भी है जिसे की व्यापार बढ़ाया जा सकता है   "बिक्री बढ़ाने की अनेक नवीन विधियों  का व्यावसायिक जगत में प्रयोग होता है इसमें एक विधि  प्रेषण द्वारा माल का विक्रय भी है " आधुनिक युग में बाजार की बढ़ती हुई आकार के कारण निर्माताओं एवं थोक विक्रेताओं द्वारा संसार के कोने कोने में रहने वाले ग्राहकों तक अपनी वस्तुएं पहुंचाने के लिये एवं बिक्री में बढ़ोतरी करने के लिए कई तरीके काम मिलाए जाते हैं| जिसमें प्रेषण या चालान पर माल भेज कर बिक्री करना भी एक तरीका है । इसके अंतर्गत निर्माता तथा थोक व्यापारी विभिन्न स्थानों पर माल की बिक्री के लिए अपने विक्रय एजेंट नियुक्त करते हैं जो  उनके द्वारा भेजे गए माल को कमीशन के आधार पर  बेचते रहते हैं। तलपट क्या है तलपट कैसे बनते है ? कंपनी का आशय , कंपनी की परिभाषाएं कंपनी का वर्गीकरण (classification of company) " यहां पर माल भेजने वाला 'प्रधान' (principal) या 'प्रेषक' (consig

सूत्रधारी कंपनियों के प्रकार | types of holding companies

सूत्रधारी कंपनियों के प्रकार  सूत्रधारी कंपनीया निम्नलिखित प्रकार की होती हैं। 1प्राथमिक या प्रमुख  सूत्रधारी कंपनी- ऐसी कंपनी जिसकी कई सहायक कंपनियां हो किंतु वह स्वयं किसी अन्य कंपनी की सहायक कंपनी ना हो। प्राथमिक या प्रमुख  सूत्रधारी कंपनी  कहलाती है। प्रमुख सूत्रधारी कंपनी स्वयं कई कंपनियों पर नियंत्रण रखती है किंतु इस पर किसी कंपनी का नियंत्रण नहीं होता । उचंत खाता किसे कहते है ?क्या होता है उचंत खता ? संचय या उचंती या उदरत खाते का प्रयोग डिस्काउंट क्या होता है ? डिस्काउंट के प्रकार समाजवादी अर्थव्यवस्था Socialist EconomyIn Hindi   2 जनक सूत्रधारी कंपनी--  ऐसी सूत्रधारी कंपनी जो अपने निर्माण के पश्चात संयोजन का लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अन्य सहायक कंपनियों का निर्माण करती है  जनक सूत्रधारी कंपनी  कहलाती है। 3 संतति या परिणाम सूत्रधारी कंपनी ही सहायक कंपनियों के निर्माण के पश्चात स्थापित सूत्रधारी कंपनी  संतति या परिणाम सूत्रधारी कंपनी  कहलाती है। ऐसी सूत्रधारी कंपनी एकीकरण के लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से स्थापित की जाती हैं। सूत्रधारी कंपनी किसे कहते  होल्डिंग कंपनी या सह