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Showing posts from May, 2020

शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

खातो के प्रकार या भेद types of Accounts |in accounting

खातों के प्रकार  या भेद   types of  Accounts |in accounting रोजनामचा में लेखा करने के नियम खातों ( Accounts ) के अनुसार हैं । अतएव सर्वप्रथम खातों के प्रकार तथा उनकी परिभाषा के बारे में स्पष्टीकरण आवश्यक हो जाता है । खाते तीन प्रकार के होते हैं   ( 1 ) व्यक्तिगत खाते ( Personal Accounts ) -  वे खाते होते हैं जो व्याक्तियों , फर्मों , कम्पनियों तथा संस्थाओं के नाम से खोले जाते हैं और जिनमें उनसे सम्बन्धित लेन - देन का विवरण दिया जाता है ; जैसे - मनु का खाता , भारत भूषण एण्ड सन्स का खाता , एस ० डी ० इण्टर कालेज का खाता , टाटा कम्पनी का खाता इत्यादि । व्यक्तिगत खातों के प्रकार ( Types of Personal Accounts ) व्यक्तिगत खातों को निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं  ( अ ) प्राकृतिक व्यक्तिगत खाते ( Natural personal accounts )  इनमें प्राकृतिक व्यक्तियों जैसे - राम , श्याम , सीमा , दीपा आदि के खाते आते हैं । देनदारों के खाते , लेनदारों के खाते , व्यवसाय के स्वामी का पूँजी खाता , व्यवसाय के स्वामी का आहरण खाता भी इसमें आता हैं ।   ब ) कृत्रिम व्यक्तिगत खाते ( Artificial personal acco

सामान्य तथा असामान्य हानियाँ क्या है what is Normal and Abnormal Losses or Difference between normal loss and abnormal loss in hindi

सामान्य तथा असामान्य हानियाँ में अंतर या  क्या है   what is Normal and Abnormal Losses or Difference between normal loss and abnormal loss  ( 1 ) सामान्य हानि ( Normal Loss )  ये ऐसी हानियाँ होती हैं जो साधारणतयाः स्वाभाविक होती हैं और जिन्हें रोकना असम्भव होता है । ये हानियाँ वस्तुओं की स्वभाविक विशेषताओं पर निर्भर करती हैं |    normal loss कहते है  ऐसी हानियों के उदाहरण हैं - प्राकृतिक कारण - मौसम में परिवर्तन से लकड़ी का सूख जाना , वजन में कमी हो जाना , सिकुड़ जाना , द्रव्य पदार्थों का उड़ जाना , सीमेन्ट के उतारते व चढ़ाते समय छोजन हो जाना आदि । इन हानियों को सामान्य हानि के नाम से जाना जाता है । चूंकि ऐसी हानियाँ स्वाभाविक होती हैं इसलिए इसका अलग से कोई लेखा नहीं किया जाता है पर इस प्रकार की हानियों का भार प्रेषण खाते पर ही पड़ना चाहिए । इसके लिए प्रेषण खाते में अलग से कोई प्रविष्टि नहीं की जाती । हाँ यदि माल का बीमा करा रखा हो तो बीमा कम्पनी से प्राप्त क्षतिपूर्ति राशि का लेखा अवश्य करना चाहिए । इसलिए रोकड़ खाते डेबिट करते हुए प्रेषण खाते को क्रेडिट करना चाहिए  ( 2 ) असामान्य हा