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शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र, भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बताइए, भारतीय अर्थव्यवस्था के कितने क्षेत्र हैं?, भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रकार, अर्थव्यवस्था के क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलू

  भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षेत्रों के आधार पर निम्नलिखित रूप से विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है। प्राथमिक क्षेत्र भारत की बात की जाए तो प्राथमिक क्षेत्र में भारत की चार व्यवसाय  क्षेत्र को  सम्मिलित किया गया है। 1 कृषि तथा पशुपालन 2 वन उद्योग तथा लट्ठे बनाना 3 मछली पालन 4 खनन और उत्खनन द्वितीयक क्षेत्र द्वितीय क्षेत्र में उद्योग, पंजीकृत निर्माण, गैर पंजीकृत निर्माण, निर्माण कार्य तथा बिजली, गैस और जलापूर्ति आदि को सम्मिलित किया गया है। तृतीयक क्षेत्र क्षेत्र में कुल 6 व्यवसाय को सम्मिलित किया गया है। 1 परिवहन व संचार 2 व्यापार, होटल तथा जलपान गृह 3  बैंक तथा बीमा 4 स्थावर संपदा,आवास गृहों का स्वामित्व तथा व्यावसायिक सेवाएं, 5 सार्वजनिक सेवाएं 6 अन्य सेवाएं चतुर्थक क्षेत्र चतुर्थक क्षेत्र में विदेशी क्षेत्र को सम्मिलित किया जाता है। Note - केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा अपनी राष्ट्रीय आय की पहली श्रृंखला में भारतीय अर्थव्यवस्था को 13 क्षेत्रों में विभाजित किया गया था परंतु केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने अपनी द्वितीय श्रृंखला, जो 1966-67 में जारी की गई

नॉस्ट्रो खाता किसे कहते हैं? , वोस्ट्रो खाता किसे कहते हैं? , Nastro vastro khata

नॉस्ट्रो खाता किसे कहते हैं? विदेशों में स्थित विदेशी बैंकों के साथ विदेशी मुद्रा में भारतीय बैंकों द्वारा रखे गए खाते को नॉस्ट्रो अकाउंट कहते हैं जिसका अर्थ होता है -आपके साथ हमारे खाते (aur accounts with you)। जिस देश में या खाता खोला जाएगा, खाते की मुद्रा उसी देश की होगी सभी विदेशी विनिमय व्यवहार इसी खाते के माध्यम से होंगे वोस्ट्रो खाता किसे कहते हैं? विदेशी बैंकों द्वारा भारतीय बैंकों के साथ खोले गए रुपया खाता को वोस्ट्रो खाता कहते हैं। विनिमय नियंत्रण की दृष्टि से इस खाते को नान रेजिडेंस अकाउंट कहते हैं