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Showing posts from June, 2021

शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया , ख्याति मूल्यांकन की क्रय प्रतिफल विधि , ख्याति मूल्याङ्कन की पारस्परिक सहमति विधि , ख्याति मूल्याङ्कन की सकल प्राप्ति विधि

                                                        ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया  {ख्याति के बारे मे जानने के लिए यहाँ क्लिक करे}  गुडविल goodwill क्या है? ख्याति का अर्थ एवं परिभाषा, ख्याति कितने प्रकार की होती है? ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता, ख्याति की लेखांकन विशेषताएं, ख्याति की अवधारणाएं  5 ख्याति मूल्यांकन की क्रय  प्रतिफल विधि purchase consideration method इस विधि के अंतर्गत ख्याति की गणना क्रय मूल्य की राशि में से शुद्ध संपत्तियों का मूल्य घटाकर की जाती है। शुद्ध संपत्तियों के मूल्य की गणना क्रय की गई वार्षिक संपत्तियों (अवास्तविक संपत्तियों जैसे- प्रारंभिक व्यय,अंशो एवं ऋणपत्रो पर  कमीशन आदि को छोड़ कर ) की क्रय मूल्य (बाजार मूल्य या वसूली मूल्य) मैं से स्वीकार किए गए दायित्वों की राशि घटाकर की जा सकती है। सूत्र:      शुद्ध संपत्तियां=वास्तविक संपत्तियां-स्वीकार किए गए दायित्व ख्याति =क्रय मूल्य -शुद्ध संपत्तियां नोट- यदि क्रय मूल्य में से  शुद्ध संपत्तियों का मूल्य अधिक हो तो ख्याति शून्य होगी। 6 ख्याति मूल्याङ्कन की पारस्परिक सहमति विधि (Mutual agreement method) इस

ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया , ख्याति का मूल्यांकन पूंजीकरण विधि कैसे करते है ?

                           ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया  {ख्याति के बारे मे जानने के लिए यहाँ क्लिक करे}  गुडविल goodwill क्या है? ख्याति का अर्थ एवं परिभाषा, ख्याति कितने प्रकार की होती है? ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता, ख्याति की लेखांकन विशेषताएं, ख्याति की अवधारणाएं 3 ख्याति का  मूल्यांकन  पूंजीकरण विधि  कैसे करते है ? इस विधि के अंतर्गत लाभों का पूंजीकरण मूल्य ज्ञात कर ख्याति   गणना की जाती है पंजीकृत मूल्य से आशय वास्तविक लाभ की राशि अर्जित करने के लिए व्यावसाय में आवश्यक पूंजी की राशि से है। 1 औसत लाभ के पूंजीकरण द्वारा 2 अधिलाभ के पूंजीकरण द्वारा 1 औसत लाभ के पूंजीकरण द्वारा  इस विधि के अंतर्गत सर्वप्रथम औसत लाभ की गणना औसत लाभ की विधि की भांति ही की जाती है तत्पश्चात उक्त लाभ का सामान्य दर के आधार पर पूंजीकृत मूल्यों के आधार पर ज्ञात किया जाता है  यह मूल्य सामान नियोजित पूजी कहलाती हैं। सामान्य नियोजित पूजी  = (औसत लाभ  × 100)/ सामान्य दर उपरोक्ततानुसार ज्ञात सामान्य पूजी में से औसत नियोजित पूंजी की राशि घटाने पर प्राप्त अधिक की राशि ख्याति कहलाती है। ख्याति = सामान्य नियोजि

ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया ,अधिलाभ विधि किसे कहते है? , adhilabh ka mulyankan kaise karte hai

                     ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया      2  अधिलाभ  विधि किसे कहते है? what is super profit method हेलो स्टूडेंट तो आप लोग कैसे हैं आशा करते हैं अच्छे ही होंगे तो आज हम लोग पढ़ने वाले हैं अधिलाभ विधि  सुपर प्रॉफिट मेथड चलिए शुरू करते हैं अगर आपको ख्याति के बारे में जानना है तो इस लिंक पर क्लिक करें जो ब्लू कलर के हैं    गुडविल goodwill क्या है? ख्याति का अर्थ एवं परिभाषा, ख्याति कितने प्रकार की होती है? ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता, ख्याति की लेखांकन विशेषताएं, ख्याति की अवधारणाएं अधिलाभ विधि इस विधि के अंतर्गत अधिलाभ की राशि का वर्षों की संख्या से गुणा कर ख्यात की गणना निम्नानुसार की जाती है। ख्याति=अधिलाभ× वर्षों की संख्या Goodwill=  super profit × number of years अधिलाभ (super profit)   सामान्यतः अपेक्षित लाभ की तुलना में कमाया गया अधिक लाभ अधिलाभ कहलाता है। इसकी गणना निम्न प्रकार की जा सकती है अधिलाभ =वास्तविक औसत लाभ-सामान्य लाभ Super profit = actual average profit - normal profit इसमें वास्तविक औसत लाभ की गणना औसत लाभ विधि की भांति ही की जाती है तथा सामान्य लाभ क