शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

ऋणपत्र निर्गमित की प्रक्रिया , procedure for issue of debenture

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 ऋणपत्र निर्गमित करने की प्रक्रिया (procedure for  issue of debenture)

कोई भी कंपनी  भारतीय कंपनी अधिनियम  2013  की धारा 71  की नियमो के अधीन  ही ऋणपत्रों का निर्गमन कर सकती है अंशो  की भांति ऋणपत्रों का निर्गमन पार्षद सीमा नियम में दिए गए  प्रावधानों के अधीन प्रविवरण के माध्यम से किया जाता है कि पत्रों के निर्गमन में निम्न बातें ध्यान में रखी जानी  आवश्यक है।


1 पूंजी निर्गमन नियंत्रक से अनुमति

12 माह की कुल अवधि में अंशो एवं ऋणपत्रों के एक करोड़ से अधिक के  निर्गमन पर पूंजी निर्गमन नियंत्रक से लिखित अनुमति आवश्यक है।

2 संचालक मंडल को ऋणपत्रों के निर्गमन का अधिकार

अंतरनियमों द्वारा अधिकृत होने पर ऋणपत्रों का निर्गमन संचालक मंडल की सभा में प्रस्ताव पारित कर किया जाना चाहिए।

3 मान्यता प्राप्त स्कंद विपणि में आवेदन

कंपनी अधिनियम,प्रविवरण द्वारा ऋणपत्रों की निर्गमन से पूर्व किसी मान्यता प्राप्त स्कंध में  विपणि/विपणियो में ऋणपत्रों के लेन-देन की अनुमति का आवेदन किया जाना आवश्यक है।

4  सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित होना

यदि प्रस्तावित ऋण एवं पूर्व में लिए  गए ऋण के  योग से कंपनी की चुकता पूंजी एवं मुक्त   संचय का योग कम हो तो ऋणपत्रों के निर्गमन से पूर्व कंपनी की सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित होना आवश्यक है।

5 कंपनी रजिस्ट्रार को सूचना

यदि ऋण पत्र कंपनी की संपत्ति पर बंधक उत्पन्न करते हो तो इसकी सूचना 30 दिनों के भीतर कंपनी रजिस्ट्रार को प्रदान की जानी आवश्यक है।

6 प्रविवरण अथवा स्थाना पत्र प्रविवरण फाइल करना

ऋणपत्रों के निर्गमन के पूर्व प्रविवरण की एक प्रति रजिस्ट्रार के पास जमा की जानी चाहिए तथा  इसका उल्लेख प्रविवरण में किया जाना चाहिए । यदि कंपनी ने प्रविवरण का निर्गमन नहीं किया है तो ऋणपत्रों के आवंटन से कम से कम 3 दिन पूर्व रजिस्ट्रार के पास स्थाना पत्र प्रविवरण कि एक प्रति जमा करनी आवश्यक है।

7 आवेदन पत्र का प्रविवरण में संलग्न होना

ऋण पत्रों के निर्गमन से संबंधित प्रत्येक प्रविवरण में आवेदन पत्र की एक प्रति संलग्न होनी आवश्यक है।

8 ऋणपत्र धारियों को मतदान का अधिकार न होना

किसी भी कंपनी द्वारा ऐसे ऋणपत्रों का निर्गमन नहीं किया जा सकता जिन्हें कंपनी की सामान्य सभा में मतदान का अधिकार हो।

9 ऋणपत्रों के आवंटन का उल्लेख

ऋणपत्रों के आवंटन का विवरण ऋणपत्र धारियों के रजिस्टर में दर्शाया जाना आवश्यक है तथा आवंटन के 3 माह के भीतर ऋणपत्रों की प्रमाण पत्र सुपुर्दगी के लिए तैयार हो जाने चाहिए।

10 पृथक अनुक्रमणिका तैयार करना

ऋणपत्र धारियों की संख्या 50 से अधिक होने पर ऋणपत्र धारियों की एक पृथक का अनुक्रमणिका का तैयार की जानी चाहिए ।

हेलो डस्टडेंट्स आपको   ऋणपत्र निर्गमित करने की प्रक्रिया  समझ में आयी की नहीं  हमें कमेंट में जरूर बताये और  debenture kya hai ,debenture kya hota hai   देखने के लिए  हमारी दुसरी पोस्ट को जाके पढ़े

 ऋणपत्र का अर्थ एवं परिभाषा ऋणपत्र क्या है ? ऋणपत्र के प्रकार हिंदी में Meaning and Definition of Debenture types of debenture in hindi


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