शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया , ख्याति का मूल्यांकन पूंजीकरण विधि कैसे करते है ?


                           ख्याति मूल्याङ्कन की विधिया 

{ख्याति के बारे मे जानने के लिए यहाँ क्लिक करे} गुडविल goodwill क्या है? ख्याति का अर्थ एवं परिभाषा, ख्याति कितने प्रकार की होती है?

ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता, ख्याति की लेखांकन विशेषताएं, ख्याति की अवधारणाएं

3 ख्याति का  मूल्यांकन  पूंजीकरण विधि  कैसे करते है ?

इस विधि के अंतर्गत लाभों का पूंजीकरण मूल्य ज्ञात कर ख्याति  गणना की जाती है पंजीकृत मूल्य से आशय वास्तविक लाभ की राशि अर्जित करने के लिए व्यावसाय में आवश्यक पूंजी की राशि से है।

1 औसत लाभ के पूंजीकरण द्वारा

2 अधिलाभ के पूंजीकरण द्वारा

1 औसत लाभ के पूंजीकरण द्वारा 

इस विधि के अंतर्गत सर्वप्रथम औसत लाभ की गणना औसत लाभ की विधि की भांति ही की जाती है तत्पश्चात उक्त लाभ का सामान्य दर के आधार पर पूंजीकृत मूल्यों के आधार पर ज्ञात किया जाता है  यह मूल्य सामान नियोजित पूजी कहलाती हैं।

सामान्य नियोजित पूजी  = (औसत लाभ  × 100)/ सामान्य दर

उपरोक्ततानुसार ज्ञात सामान्य पूजी में से औसत नियोजित पूंजी की राशि घटाने पर प्राप्त अधिक की राशि ख्याति कहलाती है।

ख्याति = सामान्य नियोजित पूंजी - औसत नियोजित पूंजी 

2 अधिलाभ के पूंजीकरण द्वारा 

इस विधि के अंतर्गत सर्वप्रथम अधिलाभ की गणना अधिलाभ  विधि की भांति ही की जाती है। तत्पश्चात उक्त अधिलाभ का सामान्य  दर के आधार पुंजिकृत मूल्य निम्न सूत्र के आधार पर लिया जाता है । यह मूल्य ख्याति कहलाती है।

ख्याति  =  (अधिलाभ ×100)/ सामान्य दर


4 वार्षिकी पद्धति ( annuity method)

यह विधि ख्याति के मूल्यांकन की स्वतंत्र विधि नहीं है बल्कि अधिलाभ विधि का ही एक संशोधित रूप है।  इस विधि के अंतर्गत अधिलाभ की राशि ज्ञात कर इस बात का अनुमान लगाया जाता है कि व्यवसाय में यह अधिलाभ कितने वर्षों तक प्राप्त हो सकेगा तत्पश्चात अधिलाभ की  वार्षिकी का वर्तमान मूल्य सारणी अथवा सूत्र द्वारा ज्ञात कर जांच की गणना की जाती है

जो निम्न प्रकार है

यदि एक रुपए की वार्षिकी का वर्तमान मूल्य ज्ञात हो

ख्याति = अधिलाभ × वार्षिकी  का वर्तमान मूल्य

यदि एक रुपए की वर्तमान मूल्य पर प्रतिवर्ष देय वार्षिकी की राशि का उल्लेख हो

ख्याति = अधिलाभ ÷वार्षिकी की राशि

इसे निम्नानुसार और अधिक स्पष्ट किया जा सकता है।

उदाहरण

एक व्यवसाय से संबंधित निम्नलिखित संमक उपलब्ध है:

अनुमानित लाभ = 2500

अधिलाभ की अनुमानित अवधि = 4 वर्ष

ख्यात की गणना कीजिए।

1 यदि 5% की दर से 4 वर्षों के लिए विनियोजीत ₹1 वार्षिक का वर्तमान मूल्य ₹ 3.5459 है।

2 यदि 5% की दर पर 4 वर्षों के लिए प्रति वर्ष विनियोजित ₹ 0.282012 की वार्षिक की राशि का वर्तमान मूल्य ₹ 1 है।

पहली स्थिति

ख्याति = अधिलाभ × वार्षिकी का वर्तमान मूल्य

ख्याति = 2500 × 3.5459 = 8864.87

द्वितीय स्थिति में

ख्याति = अधिलाभ / वार्षिकी की राशि

ख्याति =2500/0.882812 = 8864.87

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि यदि वार्षिकी का वर्तमान मूल्य 1 से अधिक है तो इसका अधिलाभ से गुणा कर गणना की जाती है तथा इसके विपरीत वर्तमान मूल्य में नियोजित राशि 1 से कम होने पर  अधिलाभ  का इससे  भाग देकर ख्याति  की गणना की जाती है।

(आगे की विधिया देखने के लिए क्लिक करे )   ख्याति मूल्यांकन की क्रय प्रतिफल विधि , ख्याति मूल्याङ्कन की पारस्परिक सहमति विधि , ख्याति मूल्याङ्कन की सकल प्राप्ति विधि


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