शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

भारतीय बहीखाता प्रणाली , भारतीय बहीखाता प्रणाली क्या है, भारतीय बहिखाता प्रणाली की परिभाषा

 भारतीय बहीखाता प्रणाली से आशय

हमारे देश में अति प्राचीन काल से भारतीय बहीखाता प्रणाली का प्रचलन रहा है। आज यूरोप के जो देश  विकसित कहे जाते हैं।, एक समय में जंगली अवस्था में थे और तब भारत अपनी व्यापार और उद्योग धंधों के लिए विश्वविख्यात था ।
उस समय हमारे देश में हिसाब किताब रखने की जिस विधि का प्रयोग किया जाता था वह भारतीय बहीखाता प्रणाली ही थी। अथर्ववेद, मनुस्मृति, और कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इस बात के पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं की अति प्राचीन काल से हमारे देश में यह प्रणाली सफलतापूर्वक कार्यशील थी और आज भी है। यह पूर्णतया एक सुदृढ़ एवं उन्नत प्रणाली है। यह प्रणाली पूर्ण एवं वैज्ञानिक है।विद्वानों का मत है कि यह प्रणाली कई मायने में द्वीप्रविष्टि प्रणाली से भी श्रेष्ठ है।इसमें आज भी ऐसे गुण विद्यमान हैं जो अंग्रेजी प्रणाली  से अधिक वैज्ञानिक और भारतीय परिस्थितियों के हैं । लेकिन आज की परिस्थिति में इस प्रणाली का प्रयोग बहुत ही कम किया जा रहा है आज भी बड़े-बड़े व्यापारी लिमिटेड कंपनियां इस  प्रणाली का प्रयोग कर रहे हैं। छोटी-छोटी व्यापारी तो इस प्रणाली का ही प्रयोग करते हैं। भारत में उपयोग होने के कारण इसकी भाषा और लिपि में  भेद अवश्य  रहता है। उत्तर भारत में इसे मीडिया भाषा में लिखा जाता है जिसने देखने में आसानी रहती है। एक भाषा को बाहर वाला व्यक्ति समझ नहीं सकता। बहीखाता की गोपनीयता बनी रहती है।

 भारतीय बहिखाता  प्रणाली की परिभाषा

भारतीय बहीखाता प्रणाली की कोई विशेष  परिभाषा नहीं है।
विशेष प्रकार समझा जा सकता है भारतीय बहीखाता लेखांकन करने की वह विधि है। जिसको भारत में देखा कार्य करने के प्रयोग में लाया जाता था भारतीय परंपरा व निश्चित सिद्धांतों के आधार पर यह किसी भी भारतीय भाषा में लिखी जा सकती थी। भारत की कोई भी भाषा हो सकती है। हिंदी, गुजराती, मारवाड़ी, मराठी, सिंधी, गुरुमुखी ,बांग्ला, उर्दू आदि। भारत में इसे महाजनी बही खाता प्रणाली भी कहते हैं। हिंदी में इसे प्राय मुड़िया भाषा में लिखा जाता था। परंतु वर्तमान समय में व्यापारी हिंदी भाषा में ही लिख लेते हैं।
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