शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

भारत के केंद्रीय बैंकों के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना

 भारत के केंद्रीय बैंकों के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना

हिल्टन यंग आयोग की अनुशंसा पर 1 अप्रैल 1935 को की गई।यद्यपि इसके पूर्व देश में केंद्रीय बैंक की स्थापना की दिशा में अनेकों गंभीर प्रयास किए गए थे, परंतु कोई सार्थक एवं सफल परिणाम नहीं प्राप्त हुआ था। भारत में केंद्रीय बैंक की स्थापना का सर्वप्रथम प्रयास 1973 में बंगाल के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्ज ने किया। वारेन हेस्टिंग्ज ने 1973 में ब्रिटिश सरकार को जनरल बैंक ऑफ़ बंगाल एंड बिहार की स्थापना का सुझाव दिया था। इसके बाद 1807-08मैं मुंबई सरकार के एक सदस्य रावण रिचर्ड धारा एक जनरल बैंक की योजना का प्रस्ताव किया गया।

भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के घटनाक्रम में एक नाम जॉन मेनार्ड कींस का भी आता है। 1931 में गठित भारतीय वित्त एवं मुद्रा के रॉयल आयोग के एक सदस्य के रूप में किंस ने "proposal for the establishment of Bank of India"नाम से एक ज्ञापन दिया था। किंग्स द्वारा प्रस्तावित इस बैंक को केंद्रीय तथा वाणिज्यिक बैंक इन दोनों का काम करना था परंतु द्वितीय विश्वयुद्ध छिड़ जाने के कारण किन से की जाए योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी।

1920 में ब्रूसेल्स में आयोजित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सम्मेलन में केंद्रीय बैंकों की स्थापना को सभी देशों से अनिवार्य रूप से करने को कहा गया। इसी समय भारत में पूर्व गठित तीनों प्रेसिडेंसी बैंकों का गठन करके इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई जो केंद्रीय बैंक की स्थापना की दिशा में उठाया गया एक प्रमुख कदम था। यद्यपि इंपीरियल बैंक की स्थापना किस उद्देश्य से की गई कि केंद्रीय बैंक का भी कार्य संपादित करेगा।

अगस्त 1925 में हिल्टन आयोग का गठन किया गया। वेतन आयोग के गठन का उद्देश्य भारत में विनिमय तथा मुद्रा प्रणाली की जांच करके तथा उनमें आवश्यक सुधार के लिए सुझाव देना था। वेतन आयोग द्वारा 1926 में देश में मुद्रा तथा साख मुद्रा की प्रचलित प्रणाली के संदर्भ में असंतोष व्यक्त किया गया और आयोग ने अपनी रिपोर्ट में देश में एक केंद्रीय बैंक की स्थापना की अनुशंसा की।

हिल्टन आयोग की अनुशंसा को मूर्त रूप देने के लिए जनवरी 1927 में सरकार द्वारा विधानसभा में एक विधेयक प्रस्तुत किया गया। परंतु यह कतिपय विरोधाभास के कारण नहीं हो सका। इसके पश्चात 1935 में भारतीय संवैधानिक सुधारों की इस बिंदु पर पुण्य चिंतन किया गया तथा केंद्रीय सरकार की जिम्मेदारी भारतीय हाथों में देने से पूर्व भारत में रिजर्व बैंक की स्थापना को आवश्यक समझा गया। इस उद्देश्य से भारतीय विधानसभा में 8 सितंबर,1933 को एक विधेयक प्रस्तुत किया गया जिसको विधानसभा की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद 6 मार्च, 1934 को गवर्नर जनरल द्वारा भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी गई। परिणाम उत्तर 1 अप्रैल, 1935 से भारतीय रिजर्व बैंक अपने अस्तित्व में आ गया।

अप्रैल, 1937 में बर्मा की भारत से अलग हो जाने के बाद तथा अगस्त,1947 में देश का विभाजन हो जाने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य क्षेत्र में काफी परिवर्तन हो गया बर्मा के अलग राज्य बन जाने के बाद भी 5 जून, तक भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्मा के मुद्रा अधिकारी तथा 31 मार्च, 1947 तक वर्मा सरकार के बैंकर के रूप में कार्य किया।

अगस्त 1947 में देश के विभाजन के बाद नया देश बना। पाकिस्तान के लिए भी भारतीय रिजर्व बैंक ने 30 जून, 1948 तक केंद्रीय बैंक के रूप में कार्य। 1 जनवरी, 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण किया गया।

Comments

Popular posts from this blog

सूत्रधारी एवं सहायक कंपनी holding and subsidary company

अंशो के प्रकार , Kind of shares ,types of share

अंशो के निर्गमन की प्रक्रिया (Procedure of Issuing Shares in a Company)