शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शे...

भारतीय स्टेट बैंक के कार्य

 भारतीय स्टेट बैंक के कार्य

भारतीय स्टेट बैंक उद्योग एवं वाणिज्य क्षेत्र को साख सुविधाएं प्रदान करता है। भारतीय स्टेट बैंक का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्रों तथा छोटी मंडी कस्बों में नई शाखाओं की स्थापना करके देश में बैंकिंग क्षेत्र का संतुलित विकास करना भारतीय स्टेट बैंक द्वारा देश में विभिन्न क्षेत्रों में शाखाएं खोल कर बैंकिंग क्षेत्र में संतुलित विकास के साथ-साथ लोगों को साख सुविधा उपलब्ध कराई गई है । भारतीय स्टेट बैंक का प्रमुख कार्य देश में अधिक प्रेषण सुविधाएं प्रदान करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बचत की गतिशीलता को प्रदान करना । भारतीय स्टेट बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की एक अभिकर्ता के रूप में भी कार्य करता है।

भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955 के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक के निम्नवत कार्य है ।

  1. भारतीय रिजर्व बैंक के अभिकर्ता के रूप में भारतीय स्टेट बैंक को कार्य करना पड़ता है। ऐसे स्थानों पर जहां भारतीय रिजर्व बैंक कार्य नहीं करता है वहां भारतीय स्टेट बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के अभिकर्ता के रूप में कार्य करता है तथा भारत सरकार की ओर से रुपया स्वर्ण तथा प्रतिभूतियों लेनदेन तथा अन्य भुगतान करता है। इसके अतिरिक्त समय समय पर भारतीय रिजर्व बैंक के आदेशानुसार अन्य कार्य भी  करता है।
  2. माल देयता वाली कंपनियों के अंशो तथा ऋण पत्रो, नगरपालिका तथा जिला  बोर्डो के ऋण प्रपत्रों तथा कंपनियों के पूर्णतया अंशो को जमानत के आधार पर ऋण प्रदान करना। 
  3. हुंडियो तथा अन्य बेचनीय उधार प्रपत्रों को स्वीकार करना। बट्टा करना बेचना, खरीदना आदि
  4. सभी प्रकार के बॉन्ड, प्रमाण पत्रों को जमा के रूप में सुरक्षित रखने के लिए स्वीकार करना।
  5. बैंक की पूंजी का सरकारी  ऋण पत्रों, अंशो, डिवेंचर इत्यादि में निवेश करना।
  6. भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम के अनुसार किसी भी पंजीकृत सरकारी बैंक के अभिकर्ता के रूप में कार्य करना।
  7. हूंडियो को बनाना तथा भारत से बाहर भुगतान होने वाले शाख पत्रों का प्रदान करना।
  8. किसी भी ऐसे कार्य को करना जिसकी  आज्ञा केंद्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक तथा बैंक की केंद्रीय संचालन मंडल द्वारा दी जाती है।
  9. भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से बैंकिंग कंपनियों की पूंजी में अंश प्राप्त करना तथा उसके अंशो को खरीदना।
  10. सोना एवं चांदी का क्रय विक्रय करना।
  11. जमा के रूप में नकदी प्राप्त करना तथा नगद खाता खोलना
  12. समय-समय पर निवृत्त कोषों को अर्थ सहायता से प्रेषित करना।
  13. बैंक की सामान्य काल को संचालित करने के लिए रुपया उधार लेना तथा इस प्रकार के ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक की परिसंपत्ति का जमानत रखना
  14. पूंजी अंशो तथा डिवेंचर आदि की हामी करना

भारतीय स्टेट बैंक के वर्जित  कार्य

  1. भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 के अंतर्गत कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिनको भारतीय स्टेट बैंक संचालित नहीं कर सकता।
  2. भारतीय स्टेट बैंक अपने कार्यालय के लिए किसी भी अचल संपत्ति का करें नहीं कर सकता।
  3. भारतीय स्टेट बैंक कंपनी अचल संपत्ति तथा अपने शेयर्स की जमानत पर ऋण नहीं प्रदान कर सकता
  4. भारतीय स्टेट बैंक कैसे विनिमय बिलों को भुला नहीं सकता जिन पर दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के हस्ताक्षर नहीं हो
  5. भारतीय स्टेट बैंक उद्योगों को मध्यकालीन ऋण उनकी संपत्ति की जमानत पर 7 वर्ष के लिए प्रदान कर सकता है परंतु यह किसी दशा में 10 वर्ष से अधिक नहीं हो सकता।
  6. भारतीय स्टेट बैंक दिलों को पुनः भुला नहीं सकता है तथा ना ही उनकी जमानत के आधार पर उधार दे सकता है जिनकी परिपक्वता अवधि 6 माह से अधिक नहीं होती हैं कृषि साख हुंडियों की अवधि 15 माह तक हो सकती है।





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