भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के उद्देश्य
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भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के उद्देश्य
भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 में कहा गया है कि बैंक नोट जारी करने की शक्ति एवं नियमित विभाग तथा भारत में मुद्रण की स्थिरता के उद्देश्य से आरक्षित को रखने तथा सम्मानित मुद्रा तथा ऋण प्रणाली को देश के हित में प्रयोग करेगा। भारत में केंद्रीय बैंक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना के निम्नवत उद्देश्य हैं।
1 मुद्रा एवं साख मुद्रा नीति में समन्वय स्थापित करना।
2 रुपए के आंतरिक तथा बाय मूल्यों में स्थिरता कायम करना।
3 बैंकों के नगद कोशो का केंद्रीकरण करना।
4 देश में बैंकिंग प्रणाली का विकास करना।
5 मुद्रा बाजार का नियमित एवं संगठित रूप में से विकास करना।
6 कृषि साख की वित्त व्यवस्था सुनिश्चित करना।
7 विदेशों से मौद्रिक संबंध कायम करना।
8 बैंकिंग की आदतों को बढ़ावा देकर भक्तों को संस्थागत करना।
9 अखिल भारतीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर उद्योगों के लिए विधिक वित्त एवं व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बहुत सी विशिष्ट वित्तीय संस्थाओं की स्थापना अथवा विकास करना।
10 सरकार के सामाजिक न्याय तथा इस सीतापुर आर्थिक विकास की गति को बढ़ाने में सहायता देना।
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