शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

लागत लेखांकन की परिभाषा cost accounting,लागत लेखांकन क्या है,लागत लेखांकन के उद्देश्य,लागत लेखांकन की सीमाएं

      2 लागत लेखांकन  cost accounting

लागत लेखांकन के अंतर्गत उत्पादन से लेकर बिक्री एवं वितरण के सभी व्ययो का लेखांकन ( recording) वर्गीकरण,(classification)  एवं अनुभाजन(allocation) किया जाता है जिससे कि उत्पादित वस्तुओं एवं प्रदान की जाने वाली सेवाओं के प्रति इकाई लागत और उत्पादन की कुल लागत ज्ञात की जा सके और इसके आधार पर प्रति इकाई का सही-सही विक्रय मूल्य निर्धारित किया जा सके 

यदि उत्पादक अनेक वस्तुओं का उत्पादन करता है ।तू कौन सी वस्तु का उत्पादन अधिक लाभदायक है और कौन सी वस्तु का उत्पादन कम लाभदायक है या हानि प्रद है, यह लागत लेखों द्वारा आसानी से ज्ञात तो हो जाता है ऐसे जानकारी प्राप्त करके

जिन वस्तुओं का उत्पादन अधिक लाभप्रद है उसका उत्पादन बढ़ाया जा सकता है । और जिन वस्तुओं का उत्पादन कम लाभदायक है या हानि प्रद है उनका उत्पादन कम अथवा बंद किया जा सकता है। 


इस प्रकार लागत लेखों से व्यवसाय के लाभ में वृद्धि करने में सहायता मिलती है। इसके अतिरिक्त लागत लेखों द्वारा सामग्री, श्रम, अन्य प्रत्यक्ष व्यय, कारखाना  उपरिव्ययो, कार्यालय एवं प्रशासनात्मक ऊपरिव्ययो और बिक्री एवं वितरण उपरीव्ययो को नियमित एवं नियंत्रित किया जाता है, इससे उत्पादन कार्यालय एवं प्रशासनात्मक और बिक्री व वितरण लागते कम होती हैं।

लागत लेखांकन की परिभाषा

इस संदर्भ में हैरोल्ड जेम्स ने कहा है " लागत लेखाविधि व्ययो का इस प्रकार उचित ढंग से वितरण करती हैं जिसमें उचित लागत का ज्ञान हो जाए और इसे ऐसी उचित ढंग से प्रस्तुत करती हैं जिससे इसकी मार्गदर्शन द्वारा उत्पादक अपने व्यवसाय पर नियंत्रण रख सकें।"

एन सरकार के शब्दों मे " लागत लेखांकन का मुख्य उद्देश्य एक इकाई की कुल  लागत ज्ञात करना है।"

वाइटल डब्ल्यू बिग के अनुसार "लागत लेखों का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्रों का विश्लेषण करना ताकि सभी विधाओं का विभाजन तथा उप विभाजन इस दृष्टिकोण से किया जा सके कि उपकरण के प्रत्येक कार्य का लागत मूल्य ज्ञात हो सके।"

 वित्तीय लेखांकन किसे कहते है ,लेखांकन के प्रकार , lekhnakan ke prakar , financial accounting in hindi

लागत लेखांकन के उद्देश्य objectives of cost accounting

लागत लेखांकन के निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं

1 कुल लागत एवं प्रती एकाई लागत ज्ञात करने में सहायक, 

2 भावी उत्पादन की संभावित लागत मूल्य निर्धारित करने में सहायक,

3 अकुशलताओं का पता लगाने में सहायक,

4 बिक्री मूल्य के निर्धारण में सहायक,

5 वास्तविक स्थिति का ज्ञान प्राप्त करने में सहायक,

6 नीति निर्धारण में सहायक,

7 पूर्वानुमान में सहायक।

लागत के तत्व -- लागत के तीन तत्व होते हैं

1 सामग्री 

2 श्रम

3 बिक्री एवं वितरण या अन्य व्यय


लागत लेखांकन के लाभ या महत्त्व advantage or importance of cost accounting

अध्ययन की दृष्टि से लागत लेखांकन के लाभों को निम्नलिखित 5 भागों में बांटा सकता है

1 उत्पादक एवं प्रबंध को लाभ -

 लागत लेखांकन सभी व्यापारियों एवं उत्पादकों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है लागत लेखांकन से उत्पादकों और प्रबंधकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं।

1 लागत लेखांकन की सहायता से प्रबंधक और उत्पादक एवं श्रम तथा मशीनरी का सर्वोत्तम प्रयोग करके उत्पादन क्षमता में वृद्धि करते हैं जिससे उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हो जाते हैं।

2 लागत लेखे अपनाने में उत्पादक व्यापार के लाभकारी एवं हानिकारक कार्यों का ज्ञान आसानी से प्राप्त कर लेते हैं।

3 प्रति इकाई लागत और उचित बिक्री मूल्य निर्धारित करने के लिए लागत लेखों का उपयोग करते हैं।

4 उत्पादको एवम् ठेकेदारों द्वारा कार्य प्रारंभ करने से पूर्व ही लागत लेखों की सहायता से टेंडर का अनुमानित मूल्य ज्ञात किया जा सकता है।

2 कर्मचारियों को लाभ

 लागत लेखांकन के द्वारा कर्मचारियों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं।

1 श्रमिकों को कार्य इच्छा अनुसार एवं योग्यता अनुसार मिलता है।

2 श्रम विभाजन द्वारा प्रत्येक श्रमिक का कार्य एवं दायित्व निर्धारित किया जाता है अतः प्रत्येक कर्मचारी प्रमापित स्तर पर कार्य करके अपनी कार्यकुशलता एवं क्षमता में वृद्धि करता है।

3 इसकी द्वारा श्रमिक कार्य घंटों एवं इकाई के अनुसार अपना पारिश्रमिक स्वयं ज्ञात कर सकते हैं जिस से श्रमिक अधिक परिश्रम करके अधिक धन अर्जित कर सकते हैं।

4 कुशल श्रमिकों को बोनस मिलता है तथा अकुशल श्रमिकों को बोनस से वंचित रहना पड़ता है इस प्रकार कुशल श्रमिकों को उनकी योग्यता का उचित पुरस्कार प्राप्त होता है।

3 उपभोक्ताओं को लाभ

लगातार अनुसंधान विश्लेषण एवं वर्गीकरण से उत्पादन लागत कम करने  व किस्म  सुधार में लागत लिखे सहायक होते हैं। जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती एवं अच्छी किस्म की वस्तुएं प्राप्त होती हैं।इसके अतिरिक्त उपभोक्ता वस्तुओं पर उत्पादकों द्वारा लिए गए लाभ का ज्ञान भी लागत लेखों द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।

4 नियोक्ताओं को लाभ 

विनियोक्ता एक ऐसी संस्था में विनियोग करना पसंद करते हैं जो अपने कोशो को इस ढंग से व्यवस्थित करती है जिससे कि उनकी लाभांश देने की क्षमता अधिक हो ऋणदाता भी ऐसे संस्था या उद्योग को ऋण देते हैं जिसकी भविष्य में उन्नति संभव हो तथा जिससे अधिक ब्याज प्राप्त किया जा सके अतः विनियोकता एवं ऋण दाता यह ज्ञान लागत लेखों की सहायता से प्राप्त कर सकते हैं की आमुख व्यवसाय या औद्योगिक इकाई की वर्तमान एवं भाव लाभार्जन क्षमता कितनी होगी अमेरिका में तो केवल उन्हीं कंपनियों को ऋण दिया  जाता है जो लागत लेखा पद्धति को अपना ले क्योंकि इससे ऋण डूबने की संभावना का पता समय रहते ही लग जाता है और उससे बचने के उपाय किए जा सकते हैं।

5 राष्ट्र को लाभ  

प्रत्येक देश की सरकार वर्तमान एवं भावी विकास के लिए वार्षिक एवं बहू वर्षीय योजना बनाती है योजनाओं के नियोजन में पहले लागतो का अनुमान लगाया जाता है। इसके बाद लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं और धन की व्यवस्था की जाती है। लागत लिखा पद्धति के प्रयोग से सरकार  'बजटरी नियंत्रण विधि'द्वारा विभिन्न विभागों में बजट तैयार करती है

तथा ' प्रमाणित लागत पद्धति' अपनाकर औद्योगिक एवं आर्थिक विकास की योजनाओं पर होने वाले व्ययो को नियंत्रित करती है अतः लागत लेखा पद्धति का उपयोग करके सरकारी उद्योगों वह उपक्रमों की कार्य क्षमता एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है इस प्रकार स्पष्ट है कि लागत लेखे राष्ट्र के लिए भी अत्यंत लाभदायक होते हैं

     लेखांकन की सीमाएं  limitations of cost accounting

लागत लेखांकन की सीमा यह है कि व्यवहार में लागत लेखों की विधियों एवं प्रक्रियाओं में एकरूपता नहीं पाई जाती है। लगदु का वर्गीकरण और निर्वाचन एक से शीर्षक में होते हुए भी लागतो की गणना भिन्न-भिन्न आधारों पर की जाती है। कभी-कभी तो एक ही योग्यता रखने वाले दो लेखापालको ( cost accountants) द्वारा एक से लागत सन्मको से भिन्न भिन्न परिणाम निकाले जाते हैं। इसके अतिरिक्त लागत लेखों में समंक अनुमानित होते हैं अतः लागत लेखांकन के परिणाम विश्वसनीय नहीं होते हैं। लागत लेखों के परिणाम कुशलता के सामान्य स्तर पर आधारित होते हैं। अर्थात इनमें असामान्य क्षय या असामान्य कुशलता को अस्थान नहीं दिया जाता।





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