शेयर मार्केट काम कैसे करता है,शेयर मार्केट के प्रकार:

  शेयर मार्केट काम कैसे करता है ? शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक व्यापार का हिस्सा बन सकते हैं। यह वित्तीय बाजार एकत्रित धन को बढ़ावा देता है और उद्यमियों को पूंजीपति के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करने में मदद करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शेयर मार्केट के काम के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि शेयर मार्केट में व्यापार कैसे होता है। शेयर मार्केट के प्रकार: शेयर मार्केट विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: प्राथमिक बाजार:   प्राथमिक बाजार में कंपनियां अपने पहले सार्वजनिक अवसरों के लिए अपने शेयर बेचती हैं। यह नई कंपनियों के लिए आवंटन का स्रोत होता है और इन्वेस्टरों को उनके शेयर खरीदने की सुविधा प्रदान करता है। सेकेंडरी बाजार:   सेकेंडरी बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जो पहले से ही प्राथमिक बाजार में आवंटित हो शेयर मार्केट में पैसे कैसे लगाएं शेयर मार्केट में पैसे लगाना एक उच्च वापसी और निवेश का माध्यम हो सकता है, लेकिन यह निवेश शोध, जागरूकता और विचारशीलता की जरूरत रखता है। यदि आप शेयर मार्केट में

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   प्रबंधकीय लेखांकन  किसे कहते है  what is  Management Accounting

प्रबंधकीय लेखांकन की भूमिका लेखा विधि में इतनी महत्वपूर्ण एवं व्यापक है कि इसके लिए लेखा विधि की एक नई शाखा का विस्तार किया गया जिससे प्रबंधकीय लेखा विधि prabandhkiy lekha vidhi  कहते हैं।

यह वित्तीय एवं लागत लेखा  विधियों का  व्यवहारिक पहलू है। प्रबंधकीय लिखा किसी शब्द का प्रयोग सबसे पहले आंग्ला अमेरिका उत्पादकता परिषद के तत्वाधान में 1950 में अमेरिका के भ्रमण पर आए हुए लेखापलो कि ब्रिटिश टीम ने किया। तब से यह शब्द अमेरिका तथा अन्य देशों में काफी प्रचलित हो गया ।

इसी वित्तीय लेखा विधि की अगली सीढ़ी कहा जा सकता है क्योंकि जहां पर वित्तीय लेखा विधि का कार्यक्षेत्र समाप्त होता है वहीं से प्रबंधकीय लेखा विधि प्रारंभ होती । इस प्रकार इसी विद्यालय का विधि का पूरक कहा जा सकता है। प्रबंधकीय दिन का विधि के अंतर्गत देखा सूचनाओं का उद्देश्य अनुसार विश्लेषण एवं व्याख्या की जाती है।और इन्हीं प्रबंध के समुख प्रस्तुत किया जाता है।

जिससे उसे अपनी नीति निर्धारण, नियोजन निर्णयन तथा नियंत्रण के कार्यो के निष्पादन में सरलता रहे इसलिए इसे प्रबंध का एकमात्र मंत्र भी कहा जा सकता है।

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प्रबंधकीय लेखांकन की परिभाषा 

प्रबंधकीय लिखा विधि की एक अति सरल एवं संक्षिप्त परिभाषा राबर्ट एंथौनी ने इस प्रकार की है

" प्रबंधकीय लेखा विधि का संबंध लेखा सूचना से है जो कि प्रबंधक के लिए उपयोगी होती हैं।"

प्रबंधकीय लेखांकन की प्रकृति या लक्षण nature are characteristics of Management Accounting

प्रबंधकीय लेखा विधि में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं

1 प्रबंधकीय  विधि भविष्य से सम्बंधित है 

इसके अंतर्गत भविष्य की पूर्वानुमान तैयार किए जाते हैं तथा जब यह भविष्य वर्तमान के रूप में सामने आ जाता है तो विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायिक क्रियाओं की उपलब्धियों की आलोचनात्मक जांच की जाती है।

2 प्रबंधकीय लेखां विधि चौनात्मच प्रवृत्ति की है

इसमें विभिन्न सामान प्रकृति की योजनाओं का तुलनात्मक अध्ययन करके सर्वाधिक लाभप्रद एवं सर्वश्रेष्ठ योजनाओं का चुनाव किया जाता है।इसी तरह सूचनाओं के प्रस्तुतीकरण में प्रबंध के समक्ष उन्हीं सूचनाओं का सम्मान किया जाता है जिनकी जानकारी उनके लिए महत्वपूर्ण है।

3 प्रबंध की लेखा विधि कारण एवं उनके प्रभाव पर विशेष बल देती है 

वित्तिय लेखा विधि से  लाभ की मात्रा ज्ञात की जाती है परंतु इस लाभ के कारण और उसके प्रभाव का अध्ययन तो प्रबंधकीय लेखा विधि में ही किया जाता है।प्रबंधकीय लेखा विधि में लाभ या विभिन्न मदों से संबंध स्थापित करके समुचित विश्लेषण किया जाता है।

4 प्रबंधकीय लेखा विधि  में वित्तीय लेखा  विधि की भांति निश्चित नियमों का पालन नहीं किया जाता है।

प्रबंध लेखापाल प्रबंध के विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विषयों पर सामान्य सुकृति नियमों से भिन्न अपनी पृथक  बना सकता है। तथा सूचनाओं के प्रस्तुतीकरण में अपनी प्रतिभा,कल्पना शक्ति एवं तर्क बुद्धि के प्रयोग से ऐसी सूचनाएं प्रयुक्त कर सकता है जो कि प्रबंधकीय निर्णय में अति लाभकारी सिद्ध होती हैं।

5 प्रबंध की लेखा विधि संबंध प्रदान करती हैं, ना कि निर्णय

यह निर्णय के लिए आवश्यक सामग्री उठाती हैं वस्तुतः निर्णय लेना तो प्रबंधकों का कार्य हो जाता है।


प्रबंधकीय लेखांकन के कार्य function of management Accounting

प्रबंधकीय लेखा विधि के निम्नलिखत कार्य हैं

1 संस्था के अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन लक्ष्य निर्धारित करना तथा इन की प्राप्ति के लिए योजना बनाना इसका मुख्य कार्य है।

2 संस्था की सफलता के लिए इसके विभिन्न क्रियाकलापों में समन्वय स्थापित करना।

3 प्रबंधकीय लेखा विधि का कार्य संस्था के कम प्रबंधों के समक्ष कर्मचारी अभिप्रेरणा की योजनाएं प्रस्तुत करना और उन्हें कार्यान्वित करना

4 संस्था के लाभ में वृद्धि के लिए प्रबंध की लेखा विधि में विशेष अध्ययन कार्य चलता रहता है।

5 विभिन्न लेखा प्रतिवेदन तथा अन्य वित्तीय संबंधों का विश्लेषण एवं व्याख्या करके उन्हें स्पष्ट एवं सरलतम रूप में प्रबंध के सामने प्रस्तुत करना प्रबंधकीय लेखा विधि का कार्य है।

अंश पूँजी के प्रकार

तलपट क्या है तलपट कैसे बनते है

कंपनी का आशय , कंपनी की परिभाषाएं

कंपनी का वर्गीकरण (classification of company


प्रबंधकीय लेखांकन का क्षेत्र ,प्रबंधकीय लेखांकन की आवश्यकता  scope of Management Accounting

1 लागत लेखा विधि 

इसका आशय आंतरिक व्यवहारों में द्वि प्रविष्ट तकनीक के प्रयोग से है सरल शब्दों में यह विभिन्न उपकर्यो(जॉब ) क्रियाओं विधियां एवं उत्पादन लागतो का प्रयोग है ।

2 बजटन तथा पूर्वानुमान

इसमें व्यवसाय क्रियाओं के विभिन्न पहलुओं के संबंध में पूर्वानुमान तैयार करनातथा विभिन्न विभागाध्यक्ष  के की सहयोग से संस्था के लिए एक संयुक्त बजट तैयार करना सम्मिलित है

3 सामान्य लेखा विधि 

इसका आशय वित्तीय लेखा विधि से है यह व्यवसाय के बाह्य व्यवहारों का अभिलेख है इसमें आय ,व्यय , हस्तस्थ,दायित्व एवं नकद कि  प्राप्ति व  भुगतान के लेखों  तथा वित्तीय विवरण तथा प्रतिवेदन की तैयारी सम्मिलित है

4 सूचित करना   

प्रबंधकीय लेखा विधि में सूचित करने का कार्य दो स्थारो पर किया जाता है   सर्वोच्च प्रबंध को अंतरिम सूचना और बाहरी पक्षों को बाहय सूचना

5 आंतरिक अंकेक्षण 

इसका आशय आंतरिक नियंत्रण को सफल बनाने के लिए सभी इकाई  में आंतरिक अंकेक्षण स्थापित करता है । आंतरिक अंकेक्षण के द्वारा विभिन्न विभागों तथा अधिकारियों के कार्यकलापों की आंतरिक जांच की जाती है

6 ऑफिस सेवा

कुछ परिस्थितियों मे ऑफिस  सेवा की व्यवस्था प्रबंध लेखपाल  के  अधीन ही  रहती है। इसका तात्पर्य समंक विधायन तथा अन्य सेवा कायम रखने से है इसका सेवा में संवहन, डाक, आवश्यक सामान की पूर्ति, मशीन से बहुत सी प्रतिया निकालना, छपाई आदि सेवाएं प्रमुख



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